ये गाँव ये शेहेर ये लोग,
तेरे ही जीवन कि आधार है,
इन सभी कि अभिलाषा पूरी करना है तुझको,
तो हिम्मत कभी न हारना,
सबके सपनों को कर साकार,
आंधी आये या तूफ़ान आये,
हर लक्ष्य पर रखना ध्यान,
इनका जीवन तेरा जीवन है,
इनका लहू तेरा लहू है,
इनका दर्द तेरा दर्द है,
खुद का लहू देकर दूसरे को जीवन देना,
तेरे एक लहू से बनेगा उज्जवल जीवन,
हर इंसान को सही राह दिखाना,
वजूद है तेरा संकल्प पूरा करना,
बुराई से सब को बचाना,
खुद को लोह पुरुष बनाना,
काँटों में तू चलते जाना,
दुःख दर्द का एहसास न करना,
बनना है तुझे एक सफल शक्तिमान,
तुझ में हो जीवन का सारा ज्ञान,
चूम ले तू धरती माता के कदम,
कदम कदम पर बढ़ते चल,
कडोम का कभी न करना तुलना,
कदम छोटा हो या बड़ा हो,
बड़े बुजुर्गों का करना सम्मान,
कभी न हो तेरे जीवन का अपमान,
सूरज के तरह जलना पड़े,
या बर्फ के तरह जमना पड़े,
कभी न उफ़ करना तू,
न ही अपने कदम डगमगाना,
अपने आप में ही लड़ते जाना,
गाँव-गाँव शहर-शहर,
अपने जीवन कि एक दीप जलाना,
गुरुजनो को देना सम्मान,
चोटों में बाटना प्यार,
भेद-भाव न रखना अमीर-गरीबी में,
जाती-धर्म का न करना भेद,
अपने साधना का तू सपना न देखना,
अपना प्यार त्याग कर उपलब्धि का शिखर चुन,
यही है तेरे जीवन का सार,
अत्त्याचार और घोटाले का करना तू अन्त,
करना तू हर इंसान कि सेवा,
पाना उसी से तू भगवान् कि मेवा,
मिटाना सब के मन से स्वार्थ और नफरत का भावना,
सब के दिलों में अपना प्यार जगाना,
झूठा वादा कभी न करना,
सत्य का ज्ञान सब में बांटना,
यही है तेरे जीवन कि अभिलाषा,
हर धर्म का तू सदा रखना मान।
सदा बहार
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