बेकसूरों के खून से रंगे हाथो वाला हत्यारा आज देश में ऐसे बेख़ौफ़ घूमता है जैसे किसी अभ्यारण्य में निकला हो शिकार के लिए |
हुक्मरानों ने अपने मुंह पर ताला लगा लिया और न्यायपालिका अब भी जद्दोजहत में है कि आखिर करें तो क्या करें ? कोई सबूत के आभाव में बच जाता है तो कोई जुल्म साबित न हो पाने के कारण |
यह समूह उन सब के लिए खुला है जो मानते हैं कि :
1. सत्ता के नशे में चूर हुक्मरान वर्ग विशेष के विरुद्ध राज्य पोषित दंगा करवाता है, तो वह अन्याय है ;
2. मानवाधिकारों का हनन अन्याय है और इसके खिलाफ लड़ना होगा ;
3. गुजरात दंगे के पीड़ितों को इन्साफ दिलाना देशभक्ति है ;
अगर आप सहमत हैं तो इस पोस्ट को शेयर कीजिये ताकि फिरकापरस्तों और हिटलरवादियों को करारा ज़वाब दिया जा सके ।
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